भारत इंफो : चंडीगढ़ नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक आज उस समय हंगामे के अखाड़े में बदल गई, जब सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों के बीच तीखी झड़प और हाथापाई की नौबत आ गई। नीव पत्थर की प्लेट पर नाम लिखने को लेकर शुरू हुआ यह विवाद देखते ही देखते व्यक्तिगत आरोपों और 1984 के सिख दंगों के उल्लेख तक पहुँच गया।
नींव पत्थर से शुरू हुआ विवाद
हंगामे की शुरुआत भाजपा पार्षद गुरबख्श रावत द्वारा उठाए गए मुद्दे से हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि नींव पत्थर (Foundation Stone) की प्लेटों पर स्थानीय पार्षद, मेयर और डिप्टी मेयर का नाम नहीं लिखा जा रहा है। साथ ही, उनके वार्ड में लगाए गए पोलों पर भी उनका नाम गायब है और उन्हें आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता नहीं दिया जा रहा है।
चंडीगढ़ निगम की बैठक में भाजपा-कांग्रेस पार्षद भिड़े।
नींव पत्थर की प्लेट पर नाम लिखने को लेकर बवाल। मेयर – प्रेम लता में भी बहस#Chandigarh pic.twitter.com/bJrhM8MT17
— Amit Pandey (@amitpandaynews) November 3, 2025
सांसद की नेम प्लेट उठाकर बवाल
इस बीच, बात निजी हमलों तक जा पहुंची। भाजपा पार्षद सौरव जोशी ने सांसद मनीष तिवारी को घेरते हुए उनकी नेम प्लेट उठा ली। सौरव जोशी ने टिप्पणी की कि सांसद तिवारी ‘शनिवार-रविवार वाले सांसद’ हैं, जो सिर्फ वीकेंड पर ही शहर में दिखाई देते हैं।
सौरव जोशी के इस कदम और टिप्पणी से कांग्रेस पार्षद सचिन गालिब तैश में आ गए। उन्होंने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दोनों पार्षद अपनी सीटों से उठकर आमने-सामने आ गए, जिससे सदन का माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। नौबत हाथापाई तक पहुँच गई, जिसे अन्य पार्षदों के हस्तक्षेप और बीच-बचाव के बाद किसी तरह शांत कराया जा सका।