भारत इंफो : साल 2025 का रसायन विज्ञान (Chemistry) का नोबेल पुरस्कार जापान के सुसुमु कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड रॉबसन और अमेरिका के उमर एम. याघी को दिया जाएगा। स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
Metal Organic Frameworks (MOF) क्या है?
तीनों वैज्ञानिकों को यह प्रतिष्ठित सम्मान मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स (MOF) नामक क्रांतिकारी संरचनाओं के विकास और आविष्कार के लिए दिया गया है। MOF ऐसे एटम से बने हैं जिनमें बड़े-बड़े खाली (Porous) हिस्से होते हैं। ये खाली जगहें एक तरह से क्रिस्टल के अंदर ‘गुफाओं’ की तरह होती हैं, जिनसे गैस और अन्य रासायनिक पदार्थ आसानी से गुजर सकते हैं।
MOF को विशेष रूप से इस तरह से डिज़ाइन किया जा सकता है कि वे किसी खास पदार्थ को संग्रहीत (Store) कर सकें या उसे कैप्चर कर सकें।
मानवता के लिए MOF का महत्व
पानी संग्रहण: रेगिस्तानी हवा से नमी खींचकर पानी इकट्ठा करना।
पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषणकारी तत्वों को हटाना और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को कैप्चर करके वायु को शुद्ध करना।
सुरक्षित भंडारण: खतरनाक या जहरीली गैसों को सुरक्षित रूप से स्टोर करना।
रासायनिक क्रियाएं: रासायनिक प्रक्रियाओं की गति को कई गुना बढ़ाना।
ईनाम में मिलते हैं 10 करोड़ रुपए
विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना, यानी करीब 10.3 करोड़ भारतीय रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जिसे तीनों वैज्ञानिक आपस में बांटेंगे। इसके साथ ही उन्हें सोने का मेडल और सर्टिफिकेट भी मिलेगा। यह पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।