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पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक्शन में, कहा – कुछ किसानों को जेल में बंद करो, संदेश देने के लिए ऐसा जरूरी

भारत इंफो : हर साल अक्टूबर और नवंबर के महीनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र जहरीली स्मॉग से घिर जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की घटनाएं हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर समस्या पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

कोर्ट ने सरकार पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन शामिल हैं, ने इस मामले पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि सरकार को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए अब प्रभावी कानून बनाकर सख्त कार्रवाई करनी होगी। यदि कुछ किसानों को जेल भेजा जाएगा तो यह बाकी किसानों के लिए एक मजबूत संदेश बनेगा।

अमिकलस क्यूरी ने बताया सरकार का बचाव
एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार ने किसानों को सब्सिडी पर मशीनें उपलब्ध कराई हैं। लेकिन किसान लगातार ऐसे बहाने बना रहे हैं कि पराली जलाने की जगह ऐसी है, जहां सैटेलाइट नजर नहीं रखता। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के बावजूद यह आदत बदस्तूर जारी है।

कानून तोड़ने वालों को मिलेगी सजा
चीफ जस्टिस ने साफ कहा, “किसानों की अहमियत तो सबको पता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे कानून को तोड़ें। अगर पर्यावरण की सुरक्षा का गंभीर इरादा है तो सजा के प्रावधान लागू किए जाएं।” उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिरकार इतनी समय क्यों लगा इस पर ठोस कदम उठाने में।

पंजाब सरकार का पक्ष: स्थिति में सुधार हुआ है
पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने की घटनाएं पिछले तीन वर्षों में कम हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश किसान छोटे स्तर के हैं, इसलिए सीधे जेल भेजने से उनके परिवार पर असर पड़ेगा। चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि हर किसान के लिए नहीं, लेकिन उदाहरण बनाने के लिए सख्ती जरूरी है।

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