भारत इंफो : पंजाब में पिछले 5 दिनों से जारी सरकारी बसों का चक्का जाम अब खत्म हो गया है। हड़ताल समाप्त होने के साथ ही डिपो में खड़ी करीब 1600 बसें वापस सड़कों पर दौड़ने लगी हैं, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है। सरकार और प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के बीच बनी सहमति के बाद यह फैसला लिया गया।
प्रशासन और यूनियन के बीच बनी बात
हड़ताल खत्म करने का फैसला तब लिया गया जब मैनेजमेंट ने कर्मचारी यूनियन की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया। इन मांगों में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कर्मचारियों की रिहाई और हड़ताल के दौरान नौकरी से निकाले गए (टर्मिनेट) कर्मचारियों को वापस नौकरी पर बहाल करना शामिल था। सहमति बनने के तुरंत बाद बसों का संचालन शुरू कर दिया गया।
यूनियन ने कहा- यह कॉर्पोरेट मनमानी के खिलाफ लड़ाई थी
लुधियाना बस यूनियन के उपप्रधान गुरप्रीत सिंह ने इस हड़ताल को ‘कॉर्पोरेट की धक्केशाही’ के खिलाफ एक संघर्ष बताया। उन्होंने जानकारी दी कि इस आंदोलन में सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर हिस्सा लिया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सख्ती बरतते हुए कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया था और उन पर मामले भी दर्ज किए थे।
निलंबित कर्मचारियों की होगी वापसी
गौरतलब है कि धरने और प्रदर्शन में शामिल होने के कारण विभाग ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। आज हुई वार्ता में मैनेजमेंट ने इन बर्खास्तगी के आदेशों को वापस लेने पर रजामंदी दे दी है, जिसके बाद यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली। अब प्रदेश भर के डिपो में खड़ी बसें अपने निर्धारित रूटों पर चल रही हैं।