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पंजाब पूर्व DGP ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का दिया जवाब, बोले मैं डरने वाला नहीं हूं

भारत इंफो : पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) मोहम्मद मुस्तफा अपने बेटे अकील अख्तर की मौत और हत्या के केस में नाम आने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए। यह केस पंचकूला में दर्ज हुआ है, जहां अकील की मौत हुई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्तफा ने बेटे की मौत, बहू से रिश्ते और अपने खिलाफ चल रही चर्चाओं पर खुलकर बात की।

बेटे की मौत का दर्द कोई नहीं समझ सकता

मोहम्मद मुस्तफा ने भावुक होते हुए कहा “जिसने अपना बेटा खोया है, वही उस दर्द को समझ सकता है। दुनिया में इससे बड़ा दुख नहीं। कुछ लोग मेरे जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि बेटे की मौत के बाद वे पूरी तरह टूट चुके थे और कई दिनों तक किसी का फोन तक नहीं उठाया।

अब मेरे अंदर का सैनिक जाग गया है

पूर्व DGP ने कहा, “मैंने अपना 35 साल का इकलौता बेटा खोया है। अब मैंने अपने अंदर के पिता को सुला दिया है, और मेरे अंदर का सैनिक जाग गया है। झूठ के पैर नहीं होते, सच सबके सामने आएगा।”

18 साल से था साइकोटिक डिसऑर्डर और नशे की लत

मुस्तफा ने बताया कि अकील अख्तर 18 साल से मानसिक बीमारी (साइकोटिक डिसऑर्डर) और नशे की समस्या से जूझ रहा था। कई बार पुलिस कस्टडी में भी रहा और इलाज के दौरान हिंसक हो जाता था। उन्होंने कहा कि 27 अगस्त 2025 को अकील ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसे बाद में डिलीट कर दिया, लेकिन कुछ लोगों ने डाउनलोड करके गलत इस्तेमाल किया। इस संबंध में साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

बहू पर हमला करने की कोशिश भी की थी

पूर्व DGP ने बताया कि उनके बेटे ने नशे की हालत में एक बार अपनी पत्नी पर हमला किया था, जिससे उसकी जान बाल-बाल बची। उन्होंने कहा “मैंने खुद बेटे को पुलिस के हवाले किया था, लेकिन मां और बहन के रोने पर शिकायत वापस ले ली। 2010 में भी ऐसा ही हुआ था, तब भी बेटे को पुलिस पकड़कर लाई थी, मगर हमने माफ कर दिया।”

नशे ने 40% दिमाग डैमेज कर दिया था

मुस्तफा ने कहा कि अकील 2006 से नशे की गिरफ्त में था। सॉफ्ट ड्रग से शुरू होकर वह हेरोइन और एसिड तक पहुंच गया, जिससे उसका दिमाग 40% डैमेज हो गया था। 2024 में उसने ‘आइस’ नामक ड्रग लेना शुरू किया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। उन्होंने कई बार नशा सप्लायरों को पकड़वाने की कोशिश की ताकि बेटे का सोर्स बंद हो जाए, पर वह सफल नहीं हो पाए।

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