भारत इंफो : श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर पंजाब सरकार द्वारा श्री आनंदपुर साहिब को नया जिला बनाने की चल रही चर्चाओं पर सियासत गरमा गई है। हलका गढ़शंकर से कांग्रेस नेता अमरप्रीत सिंह लाली ने इस चर्चा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नया जिला बनाने के बजाय रोपड़ जिले का ही नाम बदलकर श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले भी नवांशहर और मोहाली जिलों का नाम बदलकर क्रमशः शहीद भगत सिंह नगर और साहिबजादा अजीत सिंह नगर रखा जा चुका है।
₹500 करोड़ का बोझ क्यों?
कांग्रेस नेता लाली ने पंजाब सरकार के इस संभावित कदम पर वित्तीय सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले से ही कर्ज के भारी बोझ तले दबा है और नया जिला बनाने के लिए ₹500 करोड़ नए कॉम्प्लेक्स, दफ्तरों और जरूरी इमारतों के लिए चाहिए होंगे। जिले को हर महीने चलाने के लिए करीब ₹20 करोड़ का फंड आवश्यक होगा।
लाली ने यह भी बताया कि माननीय हाईकोर्ट पहले ही पंजाब सरकार को फटकार लगा चुका है, क्योंकि लगभग पौने चार साल बीत जाने के बाद भी सरकार नए बने मलेरकोटला जिले के दफ्तरी कामकाज के लिए उपयुक्त इमारतें मुहैया नहीं करवा पाई है।
गढ़शंकर को आनंदपुर साहिब से जोड़ना ‘सुविधा नहीं
श्री आनंदपुर साहिब को नया जिला बनाकर गढ़शंकर को उससे जोड़ने की चर्चाओं का अमरप्रीत लाली ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों के लिए सुविधा की बजाय परेशानी का सबब बनेगा, क्योंकि दोनों के बीच सड़क और आवाजाही का संपर्क बहुत खराब है।
श्री आनंदपुर साहिब को गढ़शंकर से जोड़ने वाली सड़क तो कार सेवा वाले महापुरुष बना रहे हैं, तो इस स्थिति में सरकार किस आधार पर गढ़शंकर के लोगों के हितों के साथ न्याय कर सकेगी?
योजना लोक-हितैषी हो, वोट-हितैषी नहीं
अमरप्रीत लाली ने जोर दिया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी सिखों के साथ-साथ सभी धर्मों के साझा गुरु हैं, जिन्होंने मानवता पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए खुद अपनी कुर्बानी दी थी। हम उनकी शहादत के 350वें वर्ष पर सरकार द्वारा बनाई जाने वाली हर योजना का समर्थन करेंगे, बशर्ते यह योजना “लोक-हितैषी हो, “वोट-हितैषी नहीं।