भारत इंफो : हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के विरोध में पंजाब के बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने आज जालंधर में कैंडल मार्च का नेतृत्व किया। यह मार्च श्री राम चौक से शुरू होकर लव कुश चौक तक पहुँचा। इस दौरान अधिकारी की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा गया और उनके परिवार के लिए न्याय की माँग उठाई गई।
सिस्टम ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया- मोहिंदर भगत
मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इस अधिकारी को “व्यवस्था की प्रताड़ना ने आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया”। उन्होंने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी निष्क्रियता और उदासीन रवैया दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
मुख्य न्यायाधीश पर हमले का भी जिक्र
मोहिंदर भगत ने कहा कि हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश, जो दलित समुदाय से हैं, पर हुए हमले का प्रयास भी इसी मानसिकता का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं दिखाती हैं कि दलित वर्ग के खिलाफ पूर्वाग्रह अब भी जीवित हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
भाजपा सरकार पर भेदभाव बढ़ाने का आरोप
केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों पर भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं से दलित समुदायों में देशव्यापी आक्रोश है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और आपराधिक मामला दर्ज करने की माँग की ताकि मृतक अधिकारी को न्याय मिल सके।
आप नेताओं और सामाजिक संगठनों की बड़ी भागीदारी
कैंडल मार्च में मेयर विनीत धीर, डिप्टी मेयर मलकीत सिंह, पवन कुमार टीनू (अध्यक्ष, पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक), अमृतपाल सिंह (अध्यक्ष, जिला योजना समिति), मंगल सिंह बस्सी (अध्यक्ष, पंजाब कृषि निर्यात निगम लिमिटेड), दिनेश ढल्ल (उपाध्यक्ष, पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम) और वरिष्ठ आप नेता राजविंदर कौर थियारा समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।