भारत इंफो : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को उनकी ज़मानत याचिका पर कोई अंतरिम राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई की, लेकिन उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
तरनतारन कोर्ट सुना चुका है सजा
लालपुरा ने 22 सितंबर को हाईकोर्ट में ज़मानत के लिए अपील दायर की थी। यह अपील उन्हें 2013 के उस्मां कांड मामले में मिली सज़ा के बाद की गई है।
- 10 सितंबर को तरनतारन की कोर्ट ने विधायक लालपुरा और अन्य को एस.टी./एस.सी. एक्ट के तहत चार साल कैद की सज़ा सुनाई थी।
- लालपुरा ने अपनी सज़ा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की है और सज़ा पर रोक लगाने की मांग की है।
- उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि यदि उनकी सज़ा पर रोक नहीं लगाई गई, तो उनकी विधानसभा सदस्यता जा सकती है।
- हाईकोर्ट ने लालपुरा की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्टूबर तक जवाब देने का आदेश दिया था।
जानिए क्या है उस्मां कांड
यह पूरा मामला 3 मार्च 2013 का है। उस्मान गाँव की एक महिला अपने पिता कश्मीर सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक शादी समारोह में पंजाब इंटरनेशनल पैलेस पहुँची थी।
- वहाँ मौजूद टैक्सी चालकों ने कथित तौर पर पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की।
- जब महिला ने विरोध किया, तो टैक्सी चालकों ने परिवार पर हमला कर दिया।
- शिकायत में यह भी कहा गया था कि मौके पर पहुँची पुलिस ने भी बीच सड़क पर पीड़ित परिवार पर हमला किया।
- आरोपी टैक्सी चालकों में मनजिंदर सिंह लालपुरा भी शामिल थे, जो 2022 में खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।