भारत इंफो : अमेरिका में पिछले 30 साल से रहने वाली 73 वर्षीय हरजीत कौर को डिपोर्ट कर भारत भेज दिया गया है। कुछ दिन पहले ही उन्हें यूएस इमिग्रेशन ने गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में रहने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद अमेरिकी और भारतीय समुदाय ने ट्रंप सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
अमेरिका जाने का इतिहास
हरजीत कौर साल 1982 में अपने दो बेटों के पास अमेरिका गई थीं और तब से वहीं रह रही थीं। उनके परिवार का कहना है कि उन्होंने 3 दशक से अधिक समय अमेरिका में बिताया और उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
कार्रवाई और परिवार की आपत्ति
परिवार के अनुसार, साल 2013 में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (ICE) ने उनकी एप्लिकेशन रद्द कर दी थी। उनका कहना है कि उन्हें जबरदस्ती डिपोर्ट किया गया और वे चाहते हैं कि हरजीत कौर को वापस अमेरिका भेजा जाए।
132 भारतीयों के साथ हुई डिपोर्ट
हरजीत कौर को जॉर्जिया से एक चार्टर्ड प्लेन के माध्यम से पहले अर्मेनिया भेजा गया। इसके बाद उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया, जहां परिवार और परिचित उन्हें लेने पहुंचे। इस फैसले को लेकर समुदाय में निराशा का माहौल है।
हिरासत और बदतर हालत
हरजीत की पोती सुखमीत कौर ने बताया कि उन्हें हिरासत में लेने के बारे में केवल सूचना दी गई और उनसे मिलने की अनुमति नहीं थी। जब परिवार उन्हें मिला, तो हरजीत रो रही थीं और मदद के लिए कह रही थीं। बताया गया कि हिरासत में उन्हें ना बैठने के लिए कुर्सी दी गई, ना सोने के लिए बेड; वे जमीन पर सोईं और हाथों में हथकड़ियां पहनाई गई थीं। हरजीत कौर अमेरिका में टेलर के रूप में काम करती रही हैं।