Thursday, December 18, 2025
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AIIMS की रिपोर्ट ने चौंकाया: हर दूसरी मौत दिल की बीमारी से, युवा सबसे ज्यादा शिकार

भारत इंफो : हार्ट अटैक को लंबे समय तक बुजुर्गों की बीमारी माना जाता रहा है, लेकिन अब यह खतरा तेजी से युवाओं की ओर बढ़ रहा है। AIIMS के ताजा अध्ययन के अनुसार, 18 से 45 वर्ष की उम्र के लोग हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में सबसे अधिक शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि देश में 57.2 प्रतिशत से अधिक मौतों का प्रमुख कारण हृदय से जुड़ी बीमारियां हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज बनी सबसे बड़ी वजह
अध्ययन के मुताबिक, हार्ट अटैक के मामलों में सबसे आम बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज है। इस स्थिति में हृदय तक खून पहुंचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और जान का खतरा बढ़ जाता है।

COVID-19 वैक्सीन से नहीं जुड़ा हार्ट अटैक का खतरा
रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि अचानक होने वाले हार्ट अटैक का COVID-19 वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं है। विशेषज्ञों ने इस विषय पर फैल रही अफवाहों को खारिज किया है।

लगातार थकान हो सकती है पहला संकेत
अगर बिना ज्यादा काम किए भी लगातार थकान महसूस होती है और आराम के बाद भी शरीर में ऊर्जा नहीं आती, तो यह दिल के कमजोर होने का संकेत हो सकता है। हृदय जब शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता, तो ऐसा महसूस होना आम है।

बार-बार चक्कर आना न करें नजरअंदाज
दिमाग तक सही मात्रा में रक्त न पहुंचने पर बार-बार चक्कर आने लगते हैं। कभी-कभी यह सामान्य कारणों से भी हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो यह गंभीर हृदय रोग की चेतावनी हो सकती है।

सांस फूलना भी हो सकता है खतरे का इशारा
हल्का काम करते समय या सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस फूलना इस बात का संकेत हो सकता है कि दिल ठीक से खून पंप नहीं कर पा रहा। कुछ मामलों में इससे फेफड़ों में पानी भरने की स्थिति भी बन सकती है।

गर्दन, जबड़े और पीठ में दर्द भी चेतावनी
हार्ट अटैक का दर्द हमेशा सीने तक सीमित नहीं रहता। बार-बार गर्दन, जबड़े या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होना भी दिल की गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है।

पसीना, उल्टी और अपच जैसे लक्षण भी खतरनाक
कई लोगों को हार्ट अटैक से पहले अचानक ज्यादा पसीना आना, उल्टी या अपच जैसी परेशानी होती है। ये लक्षण आम लग सकते हैं, लेकिन समय रहते ध्यान न देने पर जानलेवा साबित हो सकते हैं।

समय पर सतर्कता से बच सकती है जान
इन सभी संकेतों को हल्के में लेने की भूल न करें। सही समय पर डॉक्टर से सलाह और इलाज से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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