भारत इंफो : पंजाब में शुगर मिलों के शुरू न होने और गन्ने से जुड़े मुद्दों पर किसानों का रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को माझा और दोआबा क्षेत्रों के किसानों ने जालंधर सहित कई जिलों के डीसी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
21 नवंबर तक मांगे नहीं मानीं तो बड़ा आंदोलन
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 21 नवंबर तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम कर देंगे। किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि शुगरकेन बोर्ड का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो गया, लेकिन आज तक नया बोर्ड गठित नहीं किया गया। बोर्ड के बिना मिलों को शुरू नहीं किया जा सकता।
गन्ने का MSP घोषित न होने पर किसानों में नाराजगी
किसानों ने कहा कि नवंबर की 18 तारीख हो चुकी है लेकिन अब तक गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अनाज और मक्की जैसी फसलों के दाम पहले ही तय कर दिए जाते हैं, लेकिन गन्ने के दाम को लेकर देरी की जा रही है, जबकि फसल खेतों में खड़ी है और तोड़ने के लिए तैयार है।
हरियाणा में 401 रुपए, पंजाब में अभी फैसला बाकी
किसानों ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां गन्ने का रेट 401 रुपए प्रति क्विंटल तय हो चुका है, जबकि पंजाब में अभी तक कोई दर घोषित नहीं की गई। किसानों की मांग है कि पंजाब में गन्ने का रेट 500 रुपए प्रति क्विंटल तय किया जाए और सभी शुगर मिलों को तुरंत शुरू किया जाए।