भारत इंफो : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पैन कार्ड मामले में एक बार फिर 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। रामपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया और थोड़ी देर बाद ही सजा सुना दी। अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फैसले के तुरंत बाद पुलिस ने कोर्ट परिसर में ही दोनों को हिरासत में ले लिया।
दो महीने पहले जेल से बाहर आए थे आजम खान
आजम खान 23 सितंबर को ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे, वहीं उनके बेटे अब्दुल्ला लगभग 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुए थे। नई सजा के चलते दोनों को फिर से जेल जाना होगा।
2019 में दर्ज हुआ था फर्जी पैन कार्ड का मामला
यह मामला 2019 का है, जब भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के सिविल लाइंस थाने में आजम खान और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप था कि चुनाव लड़वाने के लिए आजम खान ने अब्दुल्ला के दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए।
उम्र कम थी, इसलिए बदला जन्म वर्ष
असली जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 के अनुसार अब्दुल्ला 2017 के चुनाव में 25 वर्ष की उम्र पूरी नहीं करते थे, इसलिए वे उम्मीदवार नहीं बन सकते थे। आरोप है कि चुनाव में उतारने के लिए एक दूसरा पैन कार्ड बनवाया गया, जिसमें जन्म वर्ष 1990 दिखाया गया, ताकि अब्दुल्ला योग्य हो जाएं।
अभियोजन पक्ष ने फैसले को बताया सत्य की जीत
विधायक आकाश सक्सेना ने कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि आजम खान पर चल रहे सभी मामले ठोस दस्तावेजी सबूतों पर आधारित हैं और इसी वजह से कोर्ट ने सजा सुनाई। उनके अनुसार “जो गलत करता है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए।”