भारत इंफो : मशहूर बॉडी बिल्डर और अभिनेता 53 वर्षीय वरिंदर सिंह घुम्मन की 9 अक्टूबर को अमृतसर के फोर्टिस अस्पताल में कंधे की सर्जरी के बाद हार्ट अटैक से हुई मौत ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। जहाँ एक ओर उनकी मौत को एक हफ्ता से अधिक हो गया है, वहीं उनके प्रशंसक और परिवार वाले लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं, इसी को लेकर आज कैंडल मार्च निकाला गया।
कैंडल मार्च: ‘हादसा नहीं, हत्या थी’
जालंधर के बस्ती शेख स्थित घई नगर के रहने वाले घुम्मन की मौत के बाद आज उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने मोमबत्ती जलाकर कैंडल मार्च निकाला। परिजनों का सीधा आरोप है कि इलाज के दौरान घुम्मन की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि हत्या थी। समर्थकों ने डॉक्टरों पर गलत तरीके से ऑपरेशन करने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा भी किया था।
मामले की जांच की मांग की- सुशील रिंकू
भाजपा नेता और पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू ने सरकार से मामले की गहन जांच की अपील की है, साथ ही कानूनी कार्रवाई विफल रहने पर मामले को अदालत तक ले जाने की बात कही है।
डॉक्टरों की लापरवाही पर उठे सवाल
घुम्मन के निधन को लेकर बीते दिनों उनके परिवार ने फेसबुक पेज के जरिए पोस्ट साझा कर इंसाफ की मांग की है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया है कि, “यह सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि सवालों का समुद्र है।” परिवार का सीधा आरोप डॉक्टरों की लापरवाही पर है।
साज़िश की आशंका और सबूतों की मांग
एक अन्य पोस्ट में मौत पर साज़िश की आशंका जताई गई है। सवाल उठाया गया है कि अगर मौत प्राकृतिक थी तो उनके शरीर का रंग कैसे बदला? परिवार और समर्थकों ने ऑपरेशन थिएटर की वीडियो और अन्य सबूतों को सामने लाने की मांग की है। सच छिप सकता है, मिट नहीं सकता।