भारत इंफो : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चनाब नगर में शुक्रवार को उस समय दहशत फैल गई, जब अहमदी समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थल बेत-उल-महदी मस्जिद पर आतंकियों ने हमला कर दिया। यह हमला जुमे की नमाज़ (Friday Prayers) के तुरंत बाद हुआ। हालांकि समुदाय के जांबाज वॉलंटियर्स की जवाबी कार्रवाई और बहादुरी के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई।
शुक्रवार नमाज के बाद हमलावर ने चलाई गोलियां
स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक जुमे की नमाज़ खत्म होने के बाद जब बड़ी संख्या में लोग मस्जिद परिसर में मौजूद थे, तभी दो सशस्त्र नकाबपोश हमलावरों ने परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की। अहमदी समुदाय के सुरक्षा वॉलंटियर्स ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए उन्हें गेट पर ही रोक दिया।
इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं, जिसमें जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मौके पर ही ढेर हो गया। वॉलंटियर्स की सूझबूझ से हमलावर मस्जिद के भीतर घुसने में कामयाब नहीं हो पाए। इस मुठभेड़ में 3 की मौत हो गई है जबकि कई वॉलंटियर घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार सभी घायलों की हालत स्थिर है।
अगर हमलावर मस्जिद में घुस जाता तो बड़ा नुकसान हो सकता था
समुदाय के प्रवक्ताओं ने वॉलंटियर्स के साहस की सराहना करते हुए कहा कि अगर हमलावर मस्जिद के अंदर घुस जाते तो नुकसान कहीं अधिक भयानक हो सकता था। यह हमला पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदी मुस्लिम समुदाय पर बढ़ते धार्मिक भेदभाव और हिंसा की श्रृंखला का एक और उदाहरण है, जिस पर मानवाधिकार संगठन अक्सर चिंता जताते रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।